आज मैं भी कुछ कदम भरूँ, और आज जिऊँ तो खुल के जिऊँ ! आज मैं भी कुछ कदम भरूँ, और आज जिऊँ तो खुल के जिऊँ !
आज सदा के लिए अपनों में फिर से वापिस लौट आया था। आज सदा के लिए अपनों में फिर से वापिस लौट आया था।
नन्ही चिड़ियां दाना लेकर खिलाने वास्ते ढूंढ रही है इस डाल तो कभी उस डाल फुदक-फुदक नन्ही चिड़ियां दाना लेकर खिलाने वास्ते ढूंढ रही है इस डाल तो कभी उस डाल ...
आ-जा माँ..... .आ-जा माँ ......शारदे मैं हूँ अज्ञानी माँ मुझे ज्ञान का भंडार दे। आ-जा माँ..... .आ-जा माँ ......शारदे मैं हूँ अज्ञानी माँ मुझे ज्ञान का भंडार द...
क़ानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ मंच पर नारी हिंसा, उत्पीडित नारी की जागृति हेतु राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त... क़ानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ मंच पर नारी हिंसा, उत्पीडित नारी की जागृति हेतु राज्य स...
शीर्षक" - जग रही मैं......और रजनी सो रही है" पूस की ये रात गहरी औ अमावस , लोग गहरी शीर्षक" - जग रही मैं......और रजनी सो रही है" पूस की ये रात गहरी औ अमावस ...